“उत्तरायण के रूप में आई Makar Sankranti 2024: जानिए सब कुछ मकर संक्रान्ति के बारे में |

Makar Sankranti Kyu Manate Hai | मकर संक्रान्ति क्यों मनाते है ?

Makar Sankranti एसा त्यौहार है जो पूरे भारत में अलग अलग राज्यों में कई नाम से और कई तरीकों से मनाया जाता है | उत्तर भारत में इसे मकर संक्रांति कहा जाता है | तो यही तमिलनाडु में Pongal के नाम से जाना जाता है | जबकि गुजरात में इसे Uttanarayan कहते हैं | आसाम में से मन की बिहू कहते हैं | और कर्नाटक में सजी हब्बा, केरल में इसे Makar Vikram कहा जाता है, तो कश्मीर में शिशु सिंह कारण, यह त्योहार भारत में ही नहीं बल्कि नेपाल और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में भी मनाया जाता है अलग-अलग धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से लोग इसे मानते हैं | लेकिन इस त्यौहार के पीछे एक खगोलीय घटना है |

मकर का मतलब है कांस्टेलेशन का कैप्रीकॉर्न जिसे मकर राशि कहते हैं | खगोल विज्ञान में कैप्रीकॉर्न और भारतीय ज्योतिष की मकर राशि में थोड़ा अंतर है कांस्टेलेशन तारों से बनने वाले खास पैटर्न को कहा जाता है | जिन्हें पहचाना जा सके प्राचीन काल से दुनिया की लगभग हर सभ्यता में लोगों ने उनके आकार के आधार पर उन्हें नाम दिए खगोलीय कांस्टेलेशन और ज्योतिष की राशि मोटे तौर पर मिलती जुलती हैं | लेकिन वह एक नहीं है संक्रांति का मतलब संक्रमण यानी ट्रांजिशन इस दिन मोटे तौर पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है | यह विंटर सोल्स्टिस के बाद आता है यानी सर्दियों की सबसे लंबी रात 22 दिसंबर के बाद सूर्य के किसी भी राशि में प्रवेश करने या निकालने का मतलब यह नहीं है | कि सूर्य घूम रहा है यह पृथ्वी के सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने की प्रक्रिया का हिस्सा है इसे परिभ्रमण कहते हैं |और धरती को सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में 1 साल का समय लगता है इसका आसान भाषा में यह मतलब है कि सूर्य किस धारा समूह यानी राशि के सामने आ गया है |

कहा जाता है Makar Sankranti के बाद से ही दिन लंबे होने लगते हैं और राते छोटी यह बात तकनीकी तौर पर सही है | क्योंकि नॉर्दर्न हेमिस्फीयर यानी उत्तरी गोलार्ध में 14,15 जनवरी के बाद से सूर्यास्त का समय धीरे धीरे आगे खिसक जाता है | फिर आती है 21 मार्च की तारीख इसे इक्विनोक्स कहते हैं जब दिन और रात दोनों ठीक बराबर होते हैं | इसका मतलब यह है कि उत्तरी गोलार्ध के तकरीबन बीचो बीच है | सूर्यास्त का समय धीरे धीरे आगे खिसकने का मतलब है सर्दियां कम होगी और गर्मी पड़ेगी क्योंकि सूर्य उत्तरी गोलार्ध की सीट में अधिक समय तक रहेगा Makar Sankranti को उत्तरायण इसलिए भी कहते हैं कि सूरज दक्षिणी गोलार्ध से उत्तरी गोलार्ध की ओर आना शुरू हो जाता है | यह प्रक्रिया समर सोल्स्टिस के दिन पूरी होती है जिस दिन सबसे लंबा दिन होता है यह तारीख 21 जून है| मकर संक्रांति यानी सूर्य का धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने का संक्रमण काल वैसे भारत में प्रचलित सभी हिंदू कैलेंडर चंद्रमा पर आधारित है |यही वजह है कि हिंदू त्योहारों की अंग्रेजी तारीख बदलती रहती है इस समय जो कैलेंडर इस्तेमाल होता है उसे ग्रेगोरियन कैलेंडर कहते हैं | जो सोलर कैलेंडर है यानी सूर्य पर आधारित कैलेंडर है | Makar Sankranti एक ऐसा त्यौहार है जो धरती की तुलना में सूर्य की स्थिति के हिसाब से मनाया जाता है | यही वजह है कि चंद्रमा की स्थिति में मामूली हेर फेर की वजह से यह कभी 14 जनवरी को होता हैतो कभी 15 को लेकिन सूर्य की मुख्य भूमिका होने की वजह से अंग्रेजी तारीख नहीं बदलती |

Makar Sankranti Kab Hai | मकर संक्रान्ति कब है ?

makar sankranti kab hai

14 -15 जनवरी कब Makar Sankranti है ? सही तिथि क्या है ? इसको आप सही से जान लीजिए आपको बता दें मकर संक्रांति को लेकर इस बार लोगों के मन में असमंजस की स्थिति बनी हुई है | कोई कह रहा है 14 जनवरी को है कोई कह रहा है कि 15 जनवरी को है | फिलहाल 2024 में मकर संक्रांति के बारे में क्या बताया है ज्योतिषचर्य ने लिए इसको जानते हैं |

Makar Sankranti 2024 Date

हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्यौहार Makar Sankranti होता है | इस दिन गंगा में स्नान करते हैं | तो दान का विशेष महत्व भी है | Makar Sankranti जनवरी महीने के 14वें15 दिन ही पड़ता है | यानी अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार Makar Sankranti या तो 14 तारीख को पड़ेगी या 15 तारीख को देशभर में त्यौहार को कोई अलग अलग नाम से जाना जाता है | इसके विपरीत या त्योहार चंद्रमा के विभिन्न स्थितियों के आधार पर भी मनाया जाता है | आपको सही-सही हम बता देते हैं | 15 जनवरी 2024 को ही मकर संक्रांति होगी | इसका कारण क्या है इसको समझिए मकर संक्रांति जो 15 जनवरी को पड़ रही है इस दिन सूर्य देवता जो है वह प्रातः 2:54 पर धर्म राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे इस अवसर पर शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा |

Makar Sankranti Shubh Muharat 2024 | स्नान,दान, शुभ मुहूर्त

Makar Sankranti का पुण्य काल 7:15 सुबह से लेकर शाम को 6:21 मिनट तक रहेगा और महापुर निकल सुबह 7:15 बजे से लेकर सुबह ही 9:06 तक रहेगा |ऐसे में आप इस समय स्नान कर लीजिए दान कर लीजिए और त्योहार को मान लीजिए | मकर संक्रांति की पूजा विधि क्या है इसे समझिए मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी इस दिन भक्त पूरे विधि विधान से पूजा करते हैं |

Makar Sankranti Pooja Vidhi | किस विधि से मकर संक्रांति की पूजा होगी ?

पूजा करने के लिए सबसे पहले उठकर साफ सफाई कर लीजिएगा इसके बाद अगर संभव हो तो आसपास किसी पवित्र नदी विस्तार करिए नहीं है तो घर में ही गंगाजल मिलाकर स्नान कर लीजिए | आज मन को शुद्ध करिए Makar Sankranti के दिन पीले वस्त्र पहनना शुभ होता है | तो हो सके तो आप पीला वस्त्र भी पहन सकते हैं | सूर्य देव को अरग जरूर दीजिएगा इस दिन इसके बाद सूर्य चालीसा पढ़िएगा या फिर सूर्य नमस्कार का मंत्र ही जपियेगा अंत में आरती करिए दान करिए इस दिन दान करने का खास महत्व होता है | कंबल दान कर सकते हैं उन्हें वस्त्र दान कर सकते हैं गुड और तिल दान कर सकते हैं इसके साथ ही आपकी जैसी आर्थिक स्थिति है वैसे दान कर सकते हैं | किसी गरीब व्यक्ति को खाना खिला सकते हैं यह त्यौहार दान और स्नान के लिए ही जाना जाता है तो इस वजह से इसको आप जरूर करिएगा | 15 जनवरी को मकर संक्रांति रहेगा इसकी आपको बहुत-बहुत बधाई धन्यवाद | Happy Makar Sankranti.

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